भारत के अधिवक्ता ले सकेंगे इंग्लैंड और वेल्स में प्रशिक्षण, बीसीआई और इंग्लैंड वेल्स बार के बीच एमओयू! डीके शर्मा बोले- लॉ स्टूडेंट्स करेंगे विदेशों में इंटर्नशिप
नैनीताल। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और इंग्लैंड और वेल्स की बार काउंसिल सहित इनकी लॉ सोसाइटी के साथ लंदन में एक महत्वपूर्ण एमओयू के बाद भारत के वकीलों के इंग्लैंड और वेल्स में तथा इंग्लैंड और वेल्स के वकीलों के भारत में प्रशिक्षण का रास्ता खुल गया है।
एमओयू के अनुसार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत देश के युवा अधिवक्ताओं को बार काउंसिल ऑफ इंग्लैंड एंड वेल्स सहित इंग्लैंड और वेल्स की लॉ सोसायटी, प्रतिष्ठित कानूनी कार्यालयों और अंग्रेजी विधि न्यायालयों में प्रशिक्षण के लिए संस्तुत करने के लिए अधिकृत किया गया है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा बीसीआई सदस्य डीके शर्मा ने बताया कि इंग्लैंड और वेल्स के सॉलिसिटरों और बैरिस्टरों को भी भारत में कानूनी प्रशिक्षण और सुविधाएं दी जाएंगी। हांलांकि इससे उन्हें देश में प्रैक्टिस का अधिकार नहीं बल्कि केवल प्रशिक्षण ही मिलेगा।
साथ ही एमओयू के तहत भारत के चुनिंदा कानून के विद्यार्थियों को भी बीसीआई की ओर से यूके के बार संस्थानों में इंटर्नशिप के लिए भेजे जाने की संस्तुति की जा सकेगी। इस एमओयू पर सोमवार को लंदन में बार काउंसिल ऑफ इंडिया, इंग्लैंड और वेल्स की बार काउंसिल तथा इंग्लैंड और वेल्स की लॉ सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए।
इस प्रतिनिधिमंडल में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, डीके शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, सुरेश चंद्र श्रीमाली, प्रताप मेहता, श्रीनाथ त्रिपाठी, जयंत जयभावे, एरामी रेड्डी, दिलीप पटेल, शैलेंद्र दुबे, विष्णुवर्धन रेड्डी, प्रशांत कुमार सिंह, प्रताप सिंह, सदस्य, डॉ. अमित वैद आदि शामिल थे।
भारत में विदेशी वकीलों की प्रैक्टिस के नियमों में होंगे बदलाव
आयोजित बैठक में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि भारत में विदेशी वकीलों की प्रैक्टिस से संबंधित नियमों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तनों किए जाने आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बीसीआई को भारतीय लॉ फर्मों और बार द्वारा अनेक प्रस्ताव भी मिले हैं। एस प्रभाकरन ने बताया कि इस मामले में विदेशी लॉ संस्थाओं की राय पर भी आमंत्रित की जाएगी। उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डीके शर्मा ने बैठक बताया कि बीसीआई ने कहा है कि भारत में अन्य देशों के अधिवक्ताओं द्वारा प्रैक्टिस करने सहित इंग्लैंड में अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता आदि के विषय में भारत में विदेशी वकीलों और विदेशी लॉ फर्मों के पंजीकरण और विनियमन के मामले बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 2022 के नियमों के तहत ही मान्य होते हैं, जिन पर बीसीआई द्वारा विचार का प्रस्ताव है।