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हल्द्वानीः जनसुनवाई में 27 लाख की जमीन धोखाधड़ी का खुलासा! 7 बीघा भूमि की फर्जी रजिस्ट्री, कब्जा न मिलने पर मण्डलायुक्त के दरबार में पहुंची पीड़िता

  • Awaaz Desk
  • November 29, 2025 12:11 PM
Haldwani: A public hearing revealed a land fraud worth 27 lakh rupees! A fake registry of 7 bighas of land was found. The victim, denied possession, approached the Divisional Commissioner.

हल्द्वानी। हल्द्वानी कैम्प कार्यालय में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान आयुक्त ने जनता द्वारा रखे गए विभिन्न प्रकरणों पर सुनवाई की और कई मामलों में मौके पर ही समाधान किया। जनसुनवाई में वर्ष 2014 के 7 बीघा भूमि विवाद के लम्बित प्रकरण में सितारगंज, नानकमत्ता निवासी रोशनी जन्तवाल के भूमि का किया समाधान। रोशनी जन्तवाल निवासी सितारगंज नानकमत्ता ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में 7 बीघा भूमि 27 लाख में आलम सिंह ने खरीदी थी। लगभग 11 वर्ष पश्चात आलम सिंह द्वारा रोशनी जन्तवाल को परेशान करते हुए पंजीकृत भूमि पर काबिज होने हेतु परेशान किया गया। जिस कारण रोशनी जन्तवाल को पता चला कि उनके साथ लैण्ड फ्रॉड किया गया है क्योंकि मौके पर जो भूमि दिखाई व कब्जा दिलाई गई थी, उसके विपरीत अन्य खाते की रजिस्ट्री आलम सिंह द्वारा की गई थी। विगत जनसुनवाई में रोशनी जन्तवाल की शिकायत पर आयुक्त ने दोनों पक्षों को तलब करने के निर्देश दिये थे। जिस पर रोशनी जन्तवाल ने बताया कि विक्रेता ने स्वतः ही उक्त भूमि की रजिस्ट्री कर दी, रोशनी जन्तवाल ने भूमि प्रकरण के समाधान होने पर आयुक्त का आभार व्यक्त किया।

छाया नेगी और जीवंती नेगी ने शिकायत की कि हिम्मतपुर तल्ला में प्रॉपर्टी डीलर भूपाल सिंह से भूमि खरीदी थी। लेकिन उन्हें वास्तविक भूमि पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है। जिस पर मंडलायुक्त ने किसान प्रॉपर्टी डीलर तथा फरियादी तीनों पक्षों को सुनने के पश्चात पटवारी को निर्देश दिए कि भूमि की पैमाईश करते हुए फरियादियों को उनकी वास्तविक भूमि दिलाने के निर्देश संबंधित क्षेत्र के पटवारी को दिए। अनुराधा तथा 4 अन्य व्यक्तियों ने शिकायत करते हुए बताया कि उनके द्वारा ख़परार में वर्ष 2005 में बिल्डर गणेश सिंह राणा से भूमि खरीदी गई थी, परन्तु एग्रीमेंट के अनुसार पेयजल, सड़क, बिजली आदि की सुविधा नहीं दी गई है और कुछ व्यक्तियों को अभी तक अपनी वास्तविक भूमि का भी पता नहीं है, जिस पर मंडलायुक्त ने दोनों पक्षों फरियादियों तथा  बिल्डर की बात सुनने के पश्चात पटवारी को निर्देश दिए कि रोड पेयजल, लाइन, विद्युत पोल की वास्तविक स्थिति का दोनों पक्षों के साथ तत्काल निरीक्षण करें तथा भूमि की पैमाईश करते हुए सभी को उनके वास्तविक प्लॉट्स पर कब्ज़ा दिलाया जाए।  उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि एग्रीमेंट का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।  

इसके साथ ही जनसुनवाई में महेन्द्र सिंह निवासी पूर्वी खेडा ने बताया कि जमीन धोखाधड़ी कर उनकी धनराशि हडप ली,जितेन्द्र सिंह ने बताया कि उनकी नकद धनराशि हडप ली, ठाकुर चन्द्र ने भूमि प्रकरण की समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया,छाया नेगी निवासी हल्द्वानी ने भूखण्डों का सत्यापन एवं भौतिक कब्जा दिलाने का अनुरोध किया। अधिकांश मामलों में आयुक्त द्वारा त्वरित समाधान किया गया और शेष मामलों के निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। जमीन खरीद में धोखाधड़ी से बचने हेतु कमिश्नर दीपक रावत ने जनता से अपील की है कि कमिश्नर दीपक रावत ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान समय में भूमि खरीद-फरोख्त से संबंधित धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़े की शिकायतें बढ़ रही हैं। उन्होंने  नागरिको से जमीन खरीदते समय सतर्कता बरतने और किसी भी प्रकार के लैंड फ्रोड का शिकार होने से स्वयं को सुरक्षित रखने की अपील की। 

मंडलायुक्त ने जमीन खरीद में धोखाधड़ी से बचने के लिए जनता से अपील की है कि जमीन खरीदने से पहले जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों की तस्दीक कराना अत्यंत आवश्यक है। जमीन खरीदने से पूर्व खरीदार निम्न बिंदुओं की अनिवार्य रूप से जांच अवश्य कर लें।
1. भूमि का रिकॉर्ड राजस्व विभाग/भूलेख पोर्टल पर मिलान करें।
2. खतौनी, खसरा, नक्शा, और स्वामित्व से जुड़े सभी अभिलेख आधिकारिक स्रोत से सत्यापित कराएं।
3. विक्रेता की पहचान तथा उसकी स्वामित्व स्थिति की पुष्टि करें।
4. भूमि पर किसी प्रकार का विवाद, न्यायालयीय रोक, ऋण, बंधक या कब्जा न होकृयह सुनिश्चित करें।
5. दलालों पर निर्भर न रहें; मौलिक दस्तावेज स्वयं देखें।
6. रजिस्ट्री से पूर्व भूमि की पैमाइश कराकर मौके का निरीक्षण अवश्य करें।

उन्होंने कहा कि किसी भी संदेह की स्थिति में व्यक्ति संबंधित तहसील, राजस्व विभाग या पुलिस प्रशासन से तुरंत संपर्क करें तथा धोखाधड़ी की आशंका होने पर शिकायत दर्ज करवाएं। कमिश्नर ने नागरिकों से अपील की है कि भूमि खरीद में जल्दबाज़ी न करें और संपूर्ण दस्तावेजी सत्यापन के बाद ही लेनदेन करें, ताकि स्वयं को आर्थिक नुकसान एवं कानूनी जटिलताओं से बचा सकें।


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