उत्तराखण्डः छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक यूनुस अंसारी की गिरफ्तारी के बाद प्रमाण पत्रों पर उठा विवाद! चमोली के पते पर कैसे बन गया स्थाई निवास प्रमाण पत्र?
चमोली। उत्तराखण्ड के चमोली में छात्राओं से छेड़छाड़-यौन शोषण के आरोपी शिक्षक यूनुस अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। आरोपी की करतूतों से जहां लोगों में आक्रोश व्याप्त है, वहीं उसके प्रमाण पत्रों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, यूनुस अंसारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जलालाबाद का रहने वाला है। उसका आधार कार्ड भी जलालाबाद का ही है, लेकिन उसका स्थाई निवास प्रमाण पत्र और ओबीसी प्रमाण पत्र चमोली के पते पर बना हुआ है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि यूपी के जलालाबाद निवासी यूनुस अंसारी के प्रमाण पत्र चमोली के पते पर कैसे बन गए। बता दें कि आरोपी यूनुस अंसारी को माध्यमिक शिक्षा विभाग में 2015 में अतिथि शिक्षक की नौकरी मिली थी। यह नौकरी उसे चमोली जिले के स्थाई निवास प्रमाण पत्र के आधार पर मिली। अब यूनुस के नजीबाबाद का मूल निवासी होने की बात सामने आने पर जिलाधिकारी गौरव कुमार ने उसके चमोली गढ़वाल से जारी स्थाई निवास प्रमाण पत्र के जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक बनने के लिए यूनुस अंसारी ने अपने जो दस्तावेज दिए हैं, उसमें उसने चमोली गढ़वाल जिले का 2010 का बना स्थाई निवास प्रमाण पत्र लगाया है। इसकी पुष्टि दशोली विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी पंकज उप्रेती ने की है। मालूम हो कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों की तैनाती स्थानीय स्तर पर की जाती है। यूनुस अंसारी को राजनीति विज्ञान विषय के अतिथि प्रवक्ता पद पर 2015 में दशोली विकास खंड के जिस इंटर कॉलेज में तैनाती मिली थी, उसमें वह 2018 तक तैनात रहा। इसके बाद फिर से 2022 में युनूस ने दूसरे इंटर कॉलेज में अतिथि प्रवक्ता पद पर नियुक्ति पा ली। इसी इंटर कॉलेज में वह छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार हुआ है।


