नैनीतालः किसानों को बताए मॉर्डन व स्मार्ट खेती करने के तरीके
नैनीताल। उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद के क्षेत्रीय केन्द्र पटवा डांगर में किसानों को मॉर्डन व स्मार्ट खेती करने के तरीके बताए गए। बताया गया कि किसान खेती के साथ मौन पालन, मत्स्य पालन व मशरूम उत्पाद कर सकते हैं। जिससे कम खर्च व कम मेहनत में वह ज्यादा आमदनी अर्जित कर सकते हैं। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष्य में क्षेत्रीय केन्द्र पटवा डांगर के सभागार में किसानों के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्थान के निर्देशक डा. संजय कुमार ने किसान व्यवसाय को छोटे स्तर पर शुरू कर आगे चल कर अपनी आय कई गुना बड़ा सकते हैं। उन्होंने पटवा डांगर केन्द्र में संचालित विभिन्न शोध परियोजनाओं व पॉलीहाउस में विकसित की जा रही विभिन्न प्रजाति की सब्जियों व पालक के बार में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों से तकनीकी कृषि को बढ़ावा देने की बात का आहवान किया। कहा कि किसान को स्मार्ट तरीके से खेती करने की जरूरत है। साथ ही बताया कि एक किसान खेती के साथ ही आसानी से मौन पालन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन व मशरूम उत्पादन कर अपनी आय बढ़ा सकता है। यह सभी रोजगार खेती से जुडे़ हुए हैं। इस दौरान पंतनगर विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के डा. आषुतोष मिश्रा व मधुमक्खी पालन के विषेषज्ञ संजीव जोशी ने पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की कमी के बावजूद विकसित की गई नई तकनीकों द्वारा मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन व मधुमक्खी पालन के तरीके बताए। पंतनगर विवि के निदेशक संचार डा. जेपी जायसवाल ने कहा कि कड़ी मेहनत व वैज्ञानिक शोध कार्यों से ही भारत एक विकसित राष्ट्र बन पायेगा। उन्होंने प्लांट टिश्यू कल्चर तकनीक से पौधों को विकसित करने की जानकारी दी।