उत्तराखण्डः नदियों में अतिक्रमण का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सरकार ने रखा अपना पक्ष

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून में जल धाराओं, जल स्रोत्रों, पर्यावरण संरक्षण सहित नदियों में मंडरा रहे खतरे व पर्यावरण संरक्षण को लेकर दायर तीन अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि जो दो अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। उन्हें हटाने का कार्य प्रशासन ने प्रारम्भ कर दिया गया हैं। बिंदाल नदी से अतिक्रमण 30 जून से पहले हटा लिया जाएगा। जिसपर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। पूर्व में कोर्ट ने सरकार से कहा था कि नदी, नालों व गधेरों में जहां-जहां अतिक्रमण हुआ है उसे हटाया जाए और उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। बता दें कि देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा, रेनू पाल व उर्मिला थापर ने उच्च न्यायालय में अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून में सहस्त्रधारा में जलमग्न भूमि में भारी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं जिससे जल स्रोतों के सूखने के साथ ही पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा है। जबकि दूसरी याचिका में कहा गया है कि ऋषिकेश में नालों, खालों और ढांग पर बेइंतहां अतिक्रमण और अवैध निर्माण किया गया। खासकर बिंदाल व रिस्पना नदी पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाय।