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देहरादून रजिस्ट्री फर्ज़ीवाड़ा मामला: मुजफ्फरनगर का हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार! विवेचक पर भी गिरी गाज

  • Tapas Vishwas
  • September 29, 2023 12:09 PM
Dehradun registry fraud case: Muzaffarnagar history sheeter arrested! The critic also fell under attack

उत्तराखंड के बहुचर्चित रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा मामले में मुजफ्फरनगर के नामी गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीटर विशाल कुमार को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही आरोपी के खिलाफ थाना राजपुर में पंजीकृत धोखाधड़ी के मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने पर चौकी प्रभारी जाखन को हटाते हुए कार्यालय से अटैच किया गया। आरोपी ने कमल विरमानी, वकील इमरान और केपी के साथ मिलकर जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की थी। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। 

बता दें 15 जुलाई को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन और जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति ने जांच रिपोर्ट सौंपी। जिसके अनुसार आरोपियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर रजिस्ट्रार कार्यालय और सब रजिस्ट्रार कार्यालय में अलग-अलग जमीन बेचने डीड से सम्बन्धित धारित जिल्दों के (डीड संख्या 2719/2720 साल 1972 डीड संख्या 3193 डीड संख्या 3192 डीड संख्या 545 साल 1969 डीड संख्या10802/10803 ) के साथ छेड़छाड़ की गई।  रिकॉर्ड्स के फर्जीवाड़े के संबध में तहरीर के अनुसार नगर कोतवाली में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिसके बाद एसआईटी टीम ने पूरे मामले की जांच करने के बाद सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल, मक्खन सिंह, डालचन्द, वकील इमरान अहमद, अजय सिंह क्षेत्री, रोहताश सिंह, विकास पाण्डे, कुंवर पाल उर्फ केपी और वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार किया। ये सभी वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में बंद हैं. एसआईटी ने इन लोगों से पूछताछ की। जिसमें कई अन्य लोगो के नाम समाने आये। सबूतों के आधार पर राजपुर रोड जाखन में स्थित भू-स्वामी स्वरूप रानी की भूमि के डीड फर्जी तरीके से दस्तावेजों के आधार पर पहले की तरह तैयार कर मुजफ्फरनगर निवासी मांगे राम के नाम किये गये। उन्हें भी रजिस्ट्रार रिकॉर्ड रूम में चढ़ाया गया. इस कूटरचित अभिलेख की जांच करने पर पाया कि आरोपियों ने भूमि के डीड मांगे राम के नाम तैयार करने के बाद इसकी मृत्योपरान्त इनकी वसीयत तैयार कर इनके बेटे विशाल कुमार के नाम होना दर्शाया गया। जिसके आधार पर यह भूमि रेखा शर्मा को बेची गई. उसके बाद यह भूमि रेखा शर्मा से देहरादून निवासी कमल जिंदल को यह बेची गयी। एसआईटी टीम ने दस्तावेजों की जांच के बाद पुलिस ने मुजफ्फरनगर से आरोपी विशाल को गिरफ्तार किया। आरोपी विशाल कुमार प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. आरोपी के खिलाफ मुजफ्फरनगर में पहले से 15 मुकदमे पंजीकृत हैं। आरोपी मुजफ्फनगर से हिस्ट्रीशीटर भी है. आरोपी प्रॉपर्टी के सिलसिले में देहरादून आया करता था। साल 2018 में आरोपी की मुलाकात वकील कमल बिरमानी से हुई. कमल बिरमानी ने ही आरोपी को जाखन में स्वरूप रानी की प्रॉपर्टी दिखायी। यह बताया कि स्वरूप रानी की मृत्यु हो चुकी है. उनकी लडकियां बाहर नोएडा और विदेश में रहती हैं। कमल विरमानी ने ही विशाल कुमार को वकील इमरान के पास भेजा उसके बाद विशाल कुमार की मुलाकात केपी से करायी गयी। 

इन सभी ने मिलकर साल 1978 में फर्जी डीड पत्र बनाकर जाखन स्थित प्रॉपटी स्वरूप रानी से विशाल कुमार के पिता मांगेराम के नाम डीड पत्र बनवाकर उन्हें अपने अन्य सहयोगियों की मदद से रजिस्ट्री कार्यालय में दर्ज करा दी गई। इसके बाद मांगे राम के नाम से बतौर वसीयत जाखन स्थित प्रॉपर्टी विशाल कुमार के नाम होना दिखाया गया। प्रॉपटी को इनके द्वारा संजय शर्मा के साथ 2 करोड़ 90 लाख में सौदा तय करते हुए बतौर रजिस्ट्री संजय शर्मा की पत्नी रेखा शर्मा के नाम कर दी गई। जिसमें संजय शर्मा से इन लोगों को 45 लाख रुपये प्राप्त हुए।  इन रुपयों को चारों लोगों ने आपस में बांट लिया। प्रॉपर्टी दाखिल खारिज न होने के कारण इन लोगों ने दोबारा भूमि को दलाल रकम सिंह के माध्यम से देहरादून निवासी कमल जिंदल को बतौर रजिस्ट्री बेच दी। जिसमें इनको 40 लाख रुपये कमल जिंदल से प्राप्त हुए. जिन्हें सभी लोगों ने आपस में बांट लिया। इसके बाद इन लोगों ने प्रॉपर्टी पर कब्जे का प्रयास किया। जिसकी जानकारी स्वरूप रानी की बेटी मीनाक्षी सूद और किरण दवे को हो गई। इसके बाद राजपुर थाने में विशाल कुमार और संजय शर्मा के खिलाफ दर्ज करवाया गया. मुकदमा दर्ज होने के बाद कमल विरमानी और इमरान की सलाह पर विशाल कुमार और संजय शर्मा द्वारा मूल रजिस्ट्री खो जाने की बात तात्कालिक विवेचक को बताई।  साथ ही इनके द्वारा रजिस्ट्री खो जाने की साल 2022 में मुजफ्फरनगर थाना मंडी में गुमशुदगी लिखवायी गई। साथ ही मुजफ्फरनगर अखबार में भी यह बात छपवाई गई। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया इस मामले में मुकदमा 5 मार्च 2023 को पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक समर सिंह के सुपुर्द की गई। विवेचना के दौरान अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विवेचक को विवेचना में ठोस कार्रवाई किए जाने की लगातार निर्देश दिए गए। विवेचक द्वारा निर्देशों को गंभीरता से ना लेते हुए और आरोपी विशाल के खिलाफ कम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचक द्वारा आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न करने पर लापरवाही करने के संदर्भ में एसएसपी देहरादून द्वारा उप निरीक्षक सुमेर कुमार को पुलिस कार्यालय अटैच किया। साथ ही आरोपी विशाल कुमार के पूछताछ में अन्य कई आरोपियों के नाम भी सामने आये हैं। 


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