• Home
  • News
  • Governor Gurmit Singh pays emotional tribute to Guru Tegh Bahadur at his 350th martyrdom anniversary programme

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी वर्ष कार्यक्रम में दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

  • Tapas Vishwas
  • November 18, 2025 10:11 AM
Governor Gurmit Singh pays emotional tribute to Guru Tegh Bahadur at his 350th martyrdom anniversary programme

देहरादून । राज्यपाल लेफ्टनेंट जनरल गुरमीत सिंह से निद्ध ने सोमवार को राजभवन में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित ‘‘हिन्द की चादरः एक सर्वोच्च बलिदान गाथा’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर गुरमत संगीत बाल विद्यालय, ऋषिकेश के बच्चों द्वारा गुरु तेग बहादुर के जीवन और बलिदान की अमर गाथा को संगीत और शबद के रूप में भावपूर्ण अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर के जीवन और उनकी शहादत पर आधारित एक पुस्तक ‘‘गुरु तेग बहादुर’’ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने राष्ट्र, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा हेतु गुरु तेग बहादुर द्वारा दिए गए अद्वितीय बलिदान को विश्व इतिहास में अनुपम बताया। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत भारत की आध्यात्मिक विरासत, सांस्कृतिक अस्मिता और मानवीय मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है।

 राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय सिख परंपरा और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। उन्होंने आ“वान किया कि गुरु साहिब की महान शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करें और भारत की एकता, अखंडता तथा संस्कृति की रक्षा हेतु सदैव तत्पर रहें। गुरु जी का बलिदान भारत की आत्मा का अमर प्रकाश है, जो सदियों तक मानवता के मार्ग को आलोकित करता रहेगा। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने गुरु साहिब को ‘‘हिन्द की चादर’’ और मानवता, साहस व बलिदान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि उनके आदर्श और मर्यादा संपूर्ण मानवता के लिए पथ-प्रदर्शक हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में, उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग ने गुरुद्वारा सर्किट बनाया है, जिसमें हेमकुंड साहिब, नानकमत्ता, ननकाना साहिब और रीठा-मीठा साहिब जैसे प्रमुख सिख तीर्थ स्थल शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 350वें शहीदी वर्ष की स्मृति में उत्तराखण्ड सरकार 19 नवम्बर को हल्द्वानी, 20 नवम्बर को रुद्रपुर, और 21 नवम्बर को काशीपुर में श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसका भव्य समापन 24 नवम्बर को हरिद्वार संस्कृत विश्वविद्यालय में होगा।


संबंधित आलेख: