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 उत्तराखंड का सरमोली बना देश का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव! यहां पर होमस्टे हैं पर्यटकों की पहली पसंद

  • Tapas Vishwas
  • September 29, 2023 12:09 PM
Sarmoli of Uttarakhand becomes the best tourist village of the country! Homestays here are the first choice of tourists

 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का सरमोली गांव देश का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित हो चुका है। सरमोली गांव निवासी और सामुदायिक और प्रकृति पर्यटन की गांव में नींव रखकर इसे मुकाम तक पहुंचाने वाली मल्लिका विर्दी को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार के मिलने से सरमोली गांव सहित पूरे जिले में खुशी व्याप्त है।


यह उन महिलाओं के लिए गर्व की बात है जिन्होंने पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण की विशेष पहचान बनाने के लिए अथक मेहनत कर मुकाम तक पहुंचाया। सरमोली गांव में वर्ष 2004 से रखी गई थी सामुदायिक पर्यटन की नींव मुनस्यारी से लगा सरमोली गांव लगभग 22 -23 सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।मुनस्यारी में पर्यटकों की संख्या बढने लगी थी और होटलों की संख्या सीमित थी। पर्यटकों को ठहरे के लिए दिक्कतें झेलनी पड़ती थी। तब 2004 में मल्लिका विर्दी ने सरमोली गांव में होमस्टे बनाने का विचार किया। मल्लिका ने इसके लिए गांव वालों को अपने विचार बताते हु्ए इसके लाभ गिनाते प्रेरित किया। मल्लिका विर्दी ग्रामीणों की चहेती बन गई और उन्हें दो बार ग्रामीणों ने वन सरपंच चुना। ग्रामीणों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए मल्लिका ने महिलाओं के माध्यम से होम स्टे संचालन का निर्णय लिया। गांव की महिलाओं की लगन और उनके मार्गदर्शन पर गांव में वर्तमान में तीन दर्जन से अधिक होमस्टे संचालित होते हैं। बर्ड वॉचिंग के साथ पर्यावरण मेला लगने लगा मल्लिका विर्दी की सोच धरातल पर उतरने लगी संरक्षण आधारित प्रकृति पर्यटन और सामुदायिक पर्यटन को पंख लगने लगे। सुरम्य गांव सरमोली के होमस्टे देशी विदेशी पर्यटकों को रास आने लगे। पर्यटकों की पहली पसंद होमस्टे बन गए।

वर्तमान में बर्ड वॉचिंग के साथ संस्कृति को भी पर्यटन से जोड़ा गया। वहीं गांव के हस्तशिल्प ऊनी वस्त्र भी इसमें शामिल हो गए। होम स्टे संचालकों के अलावा टैक्सी चालक, बर्ड वाचिंग के गाइड , स्थानीय दुकानदार सभी इसका लाभ उठाने लगे । मैसर कुंड हुआ पुनर्जीवित सामुदायिक एवं प्रकृति आधारित इस अभियान के तहत जंगल और सरमोली गांव की सीमा में स्थित मैसर कुंड के पुनर्जीवित करने का अभियान चला। इसके लिए वर्ष 2007 से समुदाय ने मैसर वन कौतिक नाम से लोकप्रिय वन मेले का आयोजन के साथ हिमालय कला सूत्र नामक प्रकृति और संस्कृति उत्सव प्रारंभ किया। इस उत्सव ने स्थानीय ही नहीं बाहर से आने वाले पर्यटकों केा आकर्षित किया। हिमाल कलासूत्र में पक्षी उत्सव , तितली, कीट , पारंपरिक भोजन उत्सव , दमाऊ ,ढोल नगाड़ा उत्सव और खलिया चैलेंज नामक उच्च ऊंचाई मैराथन नामक कार्यक्रम चलाए । यह सब एक नवाचार था जो काफी लोकप्रिय है। महिलाएं सीधे अर्थ से जुड़ी सामुदायिक एवं प्रकृति पर्यटन की इस अनूठी पहल से ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ और महिलाओं के हाथों में सीधे आय आने लगी और वह आत्मनिर्भर होती गई। वन पंचायत और स्थानीय खेती भी इसमें सहायक बनी। स्थानीय शिल्प और लोककला संरक्षित होने के साथ पुनर्जीवित हो गई । इस सभी कार्यो का ऐसा असर रहा कि वन ,प्रकृति संरक्षण , समुदाय के अधिकार, खाद्य, आर्थिक सुरक्षा और समुदाय के एकता का भाव इस पहल के मुख्य आधार बन गए। इसी का परिणाम है कि दो दशक के भीतर ही पिथौरागढ़ का अनजान गांव सरमोली देश का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित हो गया। बुधवार को मल्लिका विर्दी के पुरस्कार प्राप्त करने के बाद से गांव में ग्रामीण खुशी में झूम रहे हैं। मल्लिका ने इसे सभी के समवेत प्रयास का फल बताया हे।


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