उत्तराखण्डः बागेश्वर में अवैध खड़िया खनन का मामला! हाईकोर्ट ने मांगा शपथपत्र, अगली तारीख 30 दिसंबर तय
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले के कांडा तहसील सहित जिले के कई अन्य गांवों में अवैध खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका के अलावा 165 खनन इकाइयों से सम्बन्धित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई 30 दिसम्बर की तिथि नियत की है। शुक्रवार को भी दोनों कर्मचारी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जिनके मोबाईल से रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनसे इस सम्बंध में शपथपत्र पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार पूर्व में कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा था कि अवैध खड़िया खनन से उनकी खेतीबाड़ी, घर, पानी की लाइनें चौपट हो चुकी है। जो धन से सपन्न थे, उन्होंने अपना आशियाना हल्द्वानी व अन्य जगह पर बना दिया है। अब गावों में निर्धन लोग ही बचे हुए हैं। उनके जो आय के साधन थे उनपर अब खड़िया खनन के लोगों की नजर टिकी हुई है। इस सम्बंध में कई बार उच्च अधिकारियों को प्रत्यावेदन भी दिए गए, लेकिन उनकी समस्या का कुछ हल नही निकला। इसलिए अब हम न्यायालय की शरण में आये हैं। उनकी समस्या का समाधान किया जाए।