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बड़ी खबरः सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को सख्त निर्देश! बिहार की अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 3.66 लाख मतदाताओं का पूरा विवरण 9 अक्टूबर तक पेश करें

  • Awaaz Desk
  • October 07, 2025 12:10 PM
Big news: The Supreme Court has issued a strict directive to the Election Commission! It must submit the complete details of the 3.66 lakh voters removed from Bihar's final voter list by October 9th.

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह बिहार की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद तैयार अंतिम मतदाता सूची से बाहर किये गए 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उसे उपलब्ध कराए। चुनाव आयोग ने कोर्ट को सूचित किया कि जोड़े गए अधिकांश नाम नए मतदाताओं के हैं और अब तक सूची से बाहर किये गए किसी भी मतदाता ने कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग बाहर रखे गए मतदाताओं के बारे में उपलब्ध सभी जानकारी बृहस्पतिवार, 9 अक्टूबर तक अदालत के रिकॉर्ड पर लाये, जब वह एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी के पास मतदाता सूची का मसौदा है और अंतिम सूची भी 30 सितंबर को प्रकाशित हो चुकी है, इसलिए तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से आवश्यक आंकड़े प्रस्तुत किए जा सकते हैं। जस्टिस बागची ने चुनाव आयोग का पक्ष रखने के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा कि अदालती आदेशों के परिणामस्वरूप चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और पहुंच बढ़ी है। बेंच ने कहा कि चूंकि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि मसौदा सूची की संख्या में वृद्धि की गई है, इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए, अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान का खुलासा किया जाना चाहिए। जस्टिस बागची ने कहा कि आप हमसे सहमत होंगे कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और पहुंच में सुधार हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि आपके द्वारा प्रकाशित मसौदा सूची में 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए थे और हमने कहा कि जिनकी मृत्यु हो गई या जो स्थानांतरित हो गया है वह ठीक है, लेकिन यदि आप किसी को हटा रहे हैं, तो कृपया नियम 21 और एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) का पालन करें। उन्होंने कहा कि हमने यह भी कहा कि जिनके भी नाम हटाए गए हैं, कृपया उनके आंकड़े अपने निर्वाचन कार्यालयों में जमा कराएं। अब अंतिम सूची आंकड़ों में वृद्धि प्रतीत होती है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति है, जोड़े गए नामों की पहचान क्या है, क्या वे हटाए गए नाम हैं या नए नाम हैं। द्विवेदी ने जवाब दिया कि अधिकतर नाम नए मतदाताओं के हैं और कुछ पुराने मतदाता भी हैं, जिनके नाम मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि अबतक किसी ऐसे किसी मतदाता ने शिकायत या अपील नहीं की है जिसका नाम हटाया गया है।


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