उत्तराखण्डः भूकंप को लेकर रुद्रप्रयाग में मॉक ड्रिल का आयोजन! प्रशासन अलर्ट, राहत एवं बचाव दल घटनास्थलों को हुए रवाना
रुद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय पर आज भूकंप से बचाव के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी टीमों को उच्च सतर्कता के साथ मोर्चे पर लगा दिया गया है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है। इस अभ्यास के तहत जिला मुख्यालय में 6.7 तीव्रता के भूकंप आने की सूचना प्राप्त हुई। इस दौरान जिला चिकित्सालय, कोटेश्वर में भवन को क्षति पहुंचने की सूचना मिली। वहीं यह भी सूचना मिली कि उद्योग विभाग भवन, भटवाड़ी सैण भी भूकम्प के कारण प्रभावित हुआ है। जवाड़ी बाइपास सड़क मार्ग पर गंभीर भू-धंसाव होने से एक मैक्स वाहन गहरी खाई में गिर गया, जिसमें सवारों की स्थिति का पता लगाया जा रहा है। जनपद स्तरीय आईआरएस टीम के नोडल अधिकारियों को तुरंत जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस दौरान प्रातः 10ः00 बजे मेघा कंपनी द्वारा सूचना दी गई कि निर्माणाधीन रेलवे सुरंग, सुमेरपुर, रुद्रप्रयाग में भूकम्प के झटकों के बाद भारी मलबे के प्रवेश के कारण सुरंग बंद हो गई है।
सुरंग के भीतर 40-50 श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है। इस पर बचाव एवं राहत टीमें मौके पर पहुंची। वहीं नगर पंचायत अगस्त्यमुनि से 10ः10 बजे प्राप्त सूचना के अनुसार भूकम्प के कारण बाजार क्षेत्र में भूमि दरार व भूधंसाव हुआ है जिसमें लगभग 25-30 आवासीय भवन एवं 05-10 व्यवसायिक प्रतिष्ठान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, भवनों के मलबे में 50-60 व्यक्तियों के दबे होने की आशंका है। जिसके बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, स्थानीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत कार्यों में जुट गयीं।
इधर 10ः13 बजे संजय पुरी द्वारा सूचित किया गया कि केदारनाथ धाम के ऊपर चोराबाड़ी क्षेत्र की ओर से सफेद धुआं जैसा उठता दिख रहा है, बड़ी मात्रा में ग्लेशियर का प्रवाह मंदिर परिसर की ओर बढ़ता नजर आया है प्रारंभिक जानकारी के अनुसार परिसर में तैनात 5-6 सुरक्षाकर्मी ग्लेशियर में दबे होने की आशंका है, जिसपर रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। वहीं उच्चाधिकारियों द्वारा सभी संबंधित विभागों को निम्न निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी राहत एवं बचाव दलों को तत्काल घटनास्थल पर भेजा जाए, एम्बुलेंस, मेडिकल टीम, आवश्यक दवाइयां और उपकरण तैयार रखें, प्रभावित क्षेत्रों में संचार बहाली, वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए। वहीं जनपद स्तरीय आईआरएस सिस्टम पूर्ण सक्रिय कर दिया गया है। जनपद प्रशासन लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहा है तथा आमजन से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें।