उत्तराखण्ड में साइबर क्राइम का आतंक! 6 दिन तक फोन पर गिरफ्तारी का डर दिखाकर बुजुर्ग दंपति से लाखों रुपए ऐंठे
देहरादून। उत्तराखण्ड में डिजिटल अरेस्टिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला देहरादून से सामने आया है, यहां थाना रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत सहस्त्रधारा रोड निवासी बुजुर्ग दंपति को साइबर ठगों ने 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए की ठगी कर डाली। ठगी का एहसास होने पर बुजुर्ग ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दी, जिसके बाद साइबर थाना पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद केस रायपुर थाने में ट्रांसफर कर दिया। सहस्त्रधारा रोड निवासी पंकज अग्रवाल ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और अपनी पत्नी के साथ निवास करते हैं। जबकि उनका बेटा विदेश में रहता है। 7 दिसंबर को पीड़ित के पास अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके खुद को क्राइम ब्रांच मुंबई का अधिकारी बताया और कहा कि आपका एक मामला क्राइम ब्रांच मुंबई में दर्ज है। पीड़ित के बैंक खाता नरेश गोयल और जेट एयरवेज से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है। आपका नाम पर खोले गए बैंक खातों का उपयोग करके दो करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। इस पूरे मामले में 200 से 247 से अधिक बैंक खाता जांच के दायरे में है और आपके खिलाफ पहले ही 30-40 शिकायतें हैं और मुंबई में एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। जल्द आपकी गिरफ्तारी हो सकती है।
साइबर ठगों यह भी कहा कि मुंबई में आपके नाम पर एक बैंक में एक खाता खोला गया है और इसी खाते में अवैध लेनदेन किया गया है। साइबर ठग लगातार उन्हें धमकी देते रहे कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया गया है और कहा गया कि आप फोन नहीं काटेंगे और ना ही किसी परिवार के सदस्य, मित्र या बाहरी व्यक्ति से बात करेंगे। यदि किसी से बात की तो तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे। साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया जाएगा। इन धमकियों के कारण दंपति अपने ही घर में एक दूसरे से खुलकर बात करने से भी डरते रहे और उन्हें 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। साइबर ठगों ने खातों की जांच की बात कहते हुए पीड़ित से 12 लाख 80 हजार रुपए अपने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए गए। साइबर ठगों ने कहा कि घरेलू खर्चों के लिए आप केवल 20 हजार रुपए ही अपने खाते में रख सकते हैं। पीड़ित को शक होने पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों से बातचीत की तो पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है। इसके बाद 13 दिसंबर को उन्होंने तत्काल हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।