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बादलों की तेज गड़गड़ाहट ने उड़ा दी शहर की नींद! कुछ मिली सेकेंड के लिए हुआ दिन जैसा उजाला,छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

  • Tapas Vishwas
  • September 16, 2023 07:09 AM
The loud thunder of the clouds took away the sleep of the city! There was daylight for a few milliseconds, warning of heavy rain in six districts

उत्तराखंड के छह जिलों में शनिवार यानि आज भी भारी बारिश होने की संभावना है। लेकिन बीते शुक्रवार की घटना ने लोगों की नींद उड़ा दी। मौसम विभाग के अनुसार मानूसन की विदाई के समय वातावरण में अस्थिरता आ जाती है और वायुमंडल में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं।

दो दिन से बदलते मौसम के बीच शुक्रवार तड़के गरजी कड़ाके की बिजली से हर किसी की नींद टूट गई। शहरवासी बिजली की गर्जना सुनकर सहम गए। गर्जना इतनी तेज थी कि शहर के मकानों में कंपन हो उठा। कुछ मिली सेकेंड के लिए दिन जैसा उजाला हो गया। पूरे मानसून सीजन में इतनी तेज गर्जना नहीं सुनी गई। मौसम विभाग के अनुसार यह असामान्य घटना नहीं है। मानूसन की विदाई के समय वातावरण में अस्थिरता आ जाती है और वायुमंडल में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। धरातल और ऊंचाई पर वायु के तापमान व प्रकृति में अंतर आ जाता है। इस कारण ऐसी स्थितियां बनती हैं और अतितीव्र गर्जना के साथ बिजली कड़कती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ब्रिकम सिंह के मुताबिक मानसून की विदाई के समय वातावरण में नमी और गर्मी बढ़ने के कारण वातावरण में संवहनीय ऊर्जा बढ़ जाती है, जो बिजली कड़कने के लिए सर्वोत्तम परिस्थितियां देती है।

उधर  मानसून के अंतिम दिनों में ऊंचाई पर उत्तर-पश्चिम हवाओं का दबाव बढ़ जाता है। इसके कारण वातावरण में अस्थिरता आ जाती है। धरती पर हवा गर्म और ऊपर ठंडी चलने के कारण ऐसी स्थितियां बनती हैं और बिजली अपेक्षाकृत अधिक आवाज के साथ चमकती है। मानसून के दिनों में सामान्य तौर पर कड़कने वाली बिजली में इतनी तेज गर्जना नहीं होती, क्योंकि बरसात के दिनों में लगातार बारिश के कारण वायुमंडल से धूल लगभग समाप्त हो जाती है। इससे बादलों को तेज गरजने के लिए आवश्यक विपरीत ध्रुव नहीं मिल पाता, साथ ही धरती पर भी बरसात के कारण वातावरण सामान्य हो जाता है। इस कारण आकाश में बादल तो छाए रहते हैं, लेकिन चार्ज पार्टिकल्स को डिस्चार्ज होने के लिए विपरीत आवेश वाला ध्रुव नहीं मिल पाता और गर्जना सामान्य रहती है। मानसून की विदाई के समय होने वाली बारिश अचानक निम्न वायुदाब उत्पन्न होने और दूसरी जगह से आने वाली हवाओं और धूल के कण वायुमंडल में घर्षण के कारण धनात्मक या ऋणात्मक रूप से चार्ज हो जाते हैं। यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि किसी एक ध्रुव के बनने पर दूसरा ध्रुव स्वत: ही उसके विपरीत आवेश से आवेशित हो जाता है। इनका मिलन इतना खतरनाक होता है कि तेज गर्जना होती है और बड़ी तादात में बिजली उत्पन्न होती है। इस कारण बिजली की गर्जना सामान्य मानसून की अपेक्षा अधिक तेज होती है।

प्रदेश के छह जिलों में आज (शनिवार) भी भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर समेत अन्य जिलों में भी हल्की बारिश होने की आशंका है। केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, अगले तीन दिन तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम बदला हुआ देखने को मिलेगा। तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ झोंकेदार बारिश होगी।


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