उत्तराखण्डः नियमतिकरण नियमावली को चुनोती देती याचिका पर हुई सुनवाई! हाईकोर्ट ने सरकार को दिए आदेश
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की 2003 की नियमतिकरण नियमावली को चुनोती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने आदेश देकर कहा कि दैनिक वेतन भोगी श्रमिक जब से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे उनकी सेवाओ कों जोड़ते हुए उन्हें समस्त पेंशनरी लाभ दिए जाएं न कि जब से वे नियमित हुए हैं। बता दें कि सेवानिवृत्त सुरेश चन्द्र कंडवाल ने याचिका दायर कर कहा है कि वे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में वन विभाग में कार्यरत थे। 2003 में उत्तराखंड सरकार ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाई। जिसके तहत वे वर्ष 2013 में नियमित हुए। विभाग उनके द्वारा पूर्व में की गई सेवाओ को नही जोड़ रहा है। जिसकी वजह से उनको समस्त पेंशनरी लाभ नही दिया जा रहा है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उनके द्वारा नियमतिकरण से पूर्व की गयी सेवाओ को जोड़ते हुए उन्हें समस्त पेंशनरी लाभ दिलाये जाएं।