उत्तराखण्डः देहरादून के टिहरी नगर में हुआ रामलीला का मंचन! हास्य कलाकारों ने बांधा समां, पूर्व सीएम रावत भी पहुंचे
देहरादून। श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी पुरानी टिहरी प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया गया है। देहरादून के टिहरी नगर के आजाद मैदान में 11 दिन की भव्य रामलीला का मंचन शारदीय नवरात्रों में 3 से 13 अक्टूबर तक किया जा रहा है। रामलीला के तीसरे दिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिरकत की। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा कि टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा। 1994 में आंदोलन में सभी वर्गो व व्यापारियों ने राज्य के संघर्ष में अपना सहयोग दिया था। उत्तराखंड राज्य का निर्माण संघर्षों, बलिदानों और शहादत से हुआ है।
अतः रामलीला ने आज के दिवस को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को समर्पित कर शहीदों को नमन कर रामलीला मंचन किया गया। कहा कि गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी की रामलीला 1952 के आजाद मैदान में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में इसको 21 वर्षों बाद भव्य रूप से 2023 में पुनर्जीवित किया गया। रामलीला के तृतीय दिवस में सीता स्वयंवर, धनुष खंडन व परशुराम-लक्ष्मण संवाद का शानदार मंचन रहा। सीता स्वयंवर में विभिन्न राजाओं ने हास्य अभिनय से माहौल खुशनुमा कर दिया। परशुराम-लक्ष्मण संवाद में किरदारों ने पौराणिक चौपाई व गानों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में अमित पंत, जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, रामलाल खंडूरी, जयदीप सकलानी, अमित ओबेरॉय, विकास नेगी, मोहित डिमरी, लुसून ढोडरियाल, प्रांजल नौडियाल आदि ने भाग लिया।