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उत्तराखण्ड बिग ब्रेकिंगः दिव्यांग बच्चों के उत्पीड़न मामले में हाईकोर्ट सख्त! नैनीताल पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, जांच के लिए स्कूल जायेगी टीम

  • Awaaz Desk
  • September 22, 2022 08:09 AM
Uttarakhand Big Breaking: High Court strict in the harassment case of Divyang children! Questions raised on the functioning of Nainital police, team will go to school for investigation

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। नैनीताल जिले के रामनगर में कुमाऊं के एकमात्र मानसिक दिव्यांग बच्चों के आवासीय विद्यालय में बच्चों के उत्पीड़न के मामले में रिपोर्ट देने के बाद भी पुलिस की ढिलाई पर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपना लिया है।
कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार न्यायिक के साथ ही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता व सरकारी अधिवक्ता की टीम गठित कर आज ही रामनगर जाकर स्कूल की जांच करने व शाम तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। साथ ही कोतवाल रामनगर को टीम को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने के कड़े आदेश दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को एसएसपी नैनीताल व कोतवाल रामनगर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है। हल्द्वानी की दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली रोशनी सोसायटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। याचिका में कहा गया है कि रामनगर में यूएसआर इंदु समिति की ओर से मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों का आवासीय विद्यालय है। इस विद्यालय में लंबे समय से बच्चों का उत्पीड़न किया जा रहा है। बच्चों के साथ मारपीट की जा रही है, लेकिन पुलिस शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही है। इसी साल 12 अगस्त को एक बच्चा गायब हो गयाए इसकी रिपोर्ट बाल विकास समिति ने कोतवाली पुलिस को दी तो पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर खानापूर्ति कर दी। करीब 14 साल के अनाम बच्चे के गायब होने के बाद भी उसकी तलाश नहीं की। गायब होने के 25 दिन बाद पुलिस ने नौ सितंबर को रिपोर्ट दर्ज की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के बच्चों के कल्याण से संबंधित आदेशों का खुला उल्लंघन किया गया। पुलिस ने किसी भी स्तर पर अपनी ड्यूटी नहीं निभाई। बारीकी से जांच के बजाय हीलाहवाली की। बच्चा आज भी लापता है। पुलिस ने बच्चे के गायब की जानकारी तक नेट पर जारी नहीं की।कोर्ट ने मामले में सख्त आदेश जारी करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और रजिस्ट्रार न्यायिक की अध्यक्षता में टीम बनाकर आज ही रामनगर जाकर जांच कर शाम को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। एसएचओ रामनगर को सख्त आदेश दिए हैं कि यदि टीम को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। टीम में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सरकारी अधिवक्ता भानु प्रताप मेर शामिल हैं। आदेश के बाद टीम रामनगर के लिए रवाना हो गई है।
आपको बता दें कि इस मामले में आवाज 24X7 ने प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए पीड़ितों की आवाज उठाई थी, जिसपर अब हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। 


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