उत्तराखण्डः आपदा की मार! मलबे में दबे मवेशियों की जान बचाकर दिया नया जीवनदान

रुद्रप्रयाग। बसुकेदार क्षेत्र के आपदाग्रस्त इलाकों में पशुपालन विभाग की टीमें मुस्तैदी के साथ जुटी हुई हैं। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की निगरानी में टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में मवेशियों की जान को बचा रही हैं। मलबे में तब्दील रास्तों और उफान पर आए भयंकर गदेरों को पार कर टीमें आपदाग्रस्त इलाकों में पहुंच रही है। अपनी जान की परवाह किए बगैर अधिकारी-कर्मचारी जीजान से आपदा ग्रस्त इलाकों में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों की परेशानी को समझते हुए समय पर मवेशियों को चारापत्ति पहुंचाया जा रहा है तो मलबे में दबे मवेशियों की खोज कर उन्हें नया जीवनदान भी दिया जा रहा है। ये सब देखकर ग्रामीण भी हैरान हो रहे हैं, जो ये समझ रहे थे कि मलबे में दबने से उनके पशु मर चुके हैं। जिले के बसुकेदार क्षेत्र में प्रकृति का विकराल कहर देखने को मिला है। इस दर्दनाक घटना ने जनपद वासियों के साथ ही पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। पहाड़ी से आए मलबे ने जहां लोगों को लापता कर दिया, वहीं बेजुबान जानवरों को भी जिंदा दफन कर दिया। इस घटना के बाद से पशुपालन विभाग की टीमें लगातार क्षेत्र में नजर बनाए हुए है। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की मॉनिटरिंग में मलबे में दबे मवेशियों को निकालकर उनकी जान को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मलबे में दफन हुए दो पशु ऐसे थे, जिनके मालिक ये समझ चुके थे कि अब उनके मवेशी नहीं रहे और अब उनकी आजीविका का क्या होगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत के नेतृत्व में टीम ने मलबे में दबे दो पशुओं के जीवन को बचाया है। क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में टीमें लगातार ग्रामीणों के मवेशियों को बचाने के प्रयास में जुटी हुई हैं। आपदा में लापता चल रहे मवेशियों की ढूंढखोज करने के साथ ही मलबे से बचे मवेशियों का ट्रीटमेंट तत्परता के साथ किया जा रहा है। पशुपालन विभाग की टीम मुश्किल भरे रास्तों से होकर अपनी जान की परवाह किए बगैर बेजुबान पशुओं की जान बचाने में लगी हुई है। ये टीमें उफान पर आए भयंकर गदेरों को पार कर रही है तो मलबे में तब्दील रास्तों से होकर आपदा ग्रस्त इलाकों में पहुंच रही है। विभाग की इस तेजी के साथ कार्यवाही होने से प्रभावित जनता को भी राहत मिल रही है।