उत्तराखंड में महिलाओं ने बनाई स्पेशल राखियां
भाई बहन के पावन त्योहार रक्षाबंधन को बस चंद दिन बचे हैं। इससे पहले ही बाजार में रंग-बिरंगी राखियां मिल रही हैं। उत्तराखंड में भी स्पेशल राखियां बन रही हैं। भटवाड़ी ब्लाक के नेताला गांव में महिलाओं ने राखियां (गंगा डॉल) तैयार की हैं। इन राखियों को गंगा डॉल राखी का नाम दिया है। एक माह के अंतराल में नेताला के ''मां दुर्गा'' एवं ''शिव शक्ति'' स्वयं सहायता ने 50 हजार राखियां तैयार की। जिसमें 45 हजार राखी मानव उत्थान संस्था गुजरात को बेची गई हैं। इससे इन महिला समूह की 4.50 लाख रुपये की आमदनी हुई है। ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के परियोजना प्रबंधक कपिल उपाध्याय ने इन महिलाओं को प्रोत्साहित किया है। "मां गंगा कृषि उत्पादन एवं विपणन स्वायत सहकारिता" के अंतर्गत ''मां दुर्गा'' एवं ''शिव शक्ति'' स्वयं सहायता समूह की 16 महिलाओं ने गंगा डॉल नाम से राखी तैयार की। जिसमें ऊन से बुलाई व कढ़ाई की गई। राखी को एक डॉल का रूप दिया गया। गुजरात की मानव उत्थान संस्थान ने महिलाओं को राखी बनाने ऑर्डर दिया। जिसके बाद ये महिलाएं गंगा डॉल राखी बनाने में जुटी। एक राखी की कीमत 10 रुपये रखी गई है। ऑर्डर पूरा करने के बाद समूह की महिलाओं ने पांच हजार गंगा डॉल राखी को ''मुख्यमंत्री सशक्तीकरण योजना'' के अंतर्गत विकासखंड भटवाड़ी के नेताला गांव में स्टाल पर रखा। जहां से राखी बेची जा रही हैं।